टाईल्स और घडी बनाने के कारखानों के कारण प्रसिद्ध गुजरात का मोरबी, घटनास्थल पर जारी है राहत और बचाव कार्य
गुजरात के मोरबी में पुल टूटने से एक बड़ा हादसा हुआ है। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार इस हादसे में 60 लोगों की जान जा चुकी है जबकि 100 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं। बताया जाता है कि जब पुल गिरा उस समय उस पर करीब 500 लोग सवार थे। मौके पर बचाव कार्य जोरों से चल रहा है।
टाईल्स और घडी बनाने के कारखानों के कारण प्रसिद्ध गुजरात का मोरबी, घटनास्थल पर जारी है राहत और बचाव कार्य
कटनी सिटी डॉट कॉम।
मोरबी राजकोट से 64 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक जिला है। मुख्यालय भी मोरबी ही है, मोरबी जिला मच्छू नदी के तट पर स्थित है। राजकोट से रेल और सड़क द्वारा जुड़ा है।
भारत के स्वतंत्र होने से पहले यह देशी राज्य पूर्वी कठियावाड़ सबएजेंसी के अधिकार में था। इसका क्षेत्रफल 822 वर्ग मील था। यहाँ के शासक राजपूत थे और अपने को कच्छ के राव का वंशज मानते थे। फरवरी 15, 1948 ई. में यह सौराष्ट्र में मिला दिया गया। 1979 में आई बाढ़ के कारण मोरबी की स्थिति खराब हो गई थी। अब मोरबी टाईल्स और घडी बनाने के कारखानों के कारण प्रसिद्ध है। मोरबी का रेलवे स्टेशन स्थापत्य शैली का सुन्दर उदाहरण है जिसमें भारतीय और यूरोपीय स्थापत्य कला का अनूठा संगम देखने को मिलता है। जनसंख्या (2011) • कुल1,94,947 है।
आज हादसे के कारण चर्चा में आया मोरबी
गुजरात के मोरबी में पुल टूटने से एक बड़ा हादसा हुआ है। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार इस हादसे में 60 लोगों की जान जा चुकी है जबकि 100 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं। बताया जाता है कि जब पुल गिरा उस समय उस पर करीब 500 लोग सवार थे। मौके पर बचाव कार्य जोरों से चल रहा है।रिपोर्टों के मुताबिक मोरबी में आज सस्पेंशन ब्रिज गिर गया। करीब 100 लोगों के अभी भी पानी में फंसे होने की आशंका है। इस पुल को चार दिन पहले मरम्मत के बाद खोला गया था।
गुजरात की इस घटना पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू समेत कई बड़े नेताओं ने गहरा दुख जताया है। मोरबी पुल हादसे का पीएम मोदी ने संज्ञान लेते हुए गुजरात के सीएम से बात की और पीड़ितों के लिए 2-2 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया