Katni news: जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्रों में गंभीर लापरवाही: कटनी नगर निगम का सख्त एक्शन
निगमायुक्त नीलेश दुबे ने रजिस्ट्रार संजय सोनी को तत्काल प्रभाव से पद से हटाया, अन्य पर भी कार्रवाई

कटनी, 26 जुलाई 2025: जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्रों में हुई बड़ी गड़बड़ी और संभावित फर्जीवाड़े की आशंका ने कटनी नगर निगम को कड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया। निगमायुक्त नीलेश दुबे ने रजिस्ट्रार संजय सोनी को तत्काल प्रभाव से पद से हटाने के साथ-साथ संबंधित शाखा के कर्मचारियों को निगम की शालाओं में शैक्षणिक कार्यों के लिए भेज दिया। इस कार्रवाई से कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है और यह साफ हो गया है कि अब लापरवाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति लागू होगी।
क्या हुआ था मामला?
22 जुलाई 2025 को कटनी नगर निगम ने ललिता देवी नायक के नाम से एक जन्म प्रमाणपत्र जारी किया, जिसमें उनकी जन्मतिथि 17 दिसंबर 1994 दर्ज की गई। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि महज 43 मिनट बाद उसी नाम, पते और रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ एक मृत्यु प्रमाणपत्र भी जारी कर दिया गया। दोनों प्रमाणपत्रों में विवरण एक जैसे होने के साथ-साथ डिजिटल हस्ताक्षर और QR कोड से उनकी प्रामाणिकता भी पुष्ट की गई थी। यह घटना कोई साधारण तकनीकी चूक नहीं, बल्कि गंभीर साजिश या सिस्टम की खामियों की ओर इशारा करती है। इससे जनता का भरोसा डगमगा गया था।
निगमायुक्त ने दिखाई सख्ती
इस चौंकाने वाली घटना के बाद निगमायुक्त ने तुरंत कार्रवाई की:
रजिस्ट्रार पर गिरी गाज: संजय सोनी को उनके पद से तत्काल हटा दिया गया।
कर्मचारियों का तबादला: संबंधित शाखा के बाकी स्टाफ को निगम की शालाओं में शैक्षणिक कार्यों के लिए भेजा गया।
नया प्रकोष्ठ और नियुक्ति: एक नया प्रकोष्ठ बनाया गया, जिसमें सागर नायक (सहायक राजस्व अधिकारी) को नया रजिस्ट्रार नियुक्त किया गया।
बेहतर कार्यप्रणाली: नई SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) लागू की गई, जिसमें लोक सेवा गारंटी के तहत तय समयसीमा में पंजीयन, समाधान और रिकॉर्ड रखरखाव को प्राथमिकता दी गई।
क्या होगा असर?
यह घटना प्रशासनिक लापरवाही की गंभीरता को उजागर करती है। निगमायुक्त का यह कड़ा रुख न केवल कर्मचारियों के लिए एक चेतावनी है, बल्कि जनता को यह भरोसा भी दिलाता है कि अब ऐसी गलतियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नई व्यवस्था के तहत प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया को पारदर्शी और जवाबदेह बनाया जा रहा है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
कटनी नगर निगम का यह कदम साफ संदेश देता है: लापरवाही और भ्रष्टाचार पर अब नकेल कसी जाएगी, ताकि आम लोगों का विश्वास फिर से बहाल हो सके।
