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कटनी जिले में रेत माफिया का खुला खेल: LOI से पहले दो महीने तक धड़ल्ले से अवैध खनन, प्रशासन की मिलीभगत के आरोप

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स्थानीय लोग अब इंतजार कर रहे हैं कि क्या इस बार वायरल वीडियो और सबूतों के बावजूद कार्रवाई होगी, या रेत माफिया का यह खेल फिर से “चलता रहेगा”

स्थानीय लोग अब इंतजार कर रहे हैं कि क्या इस बार वायरल वीडियो और सबूतों के बावजूद कार्रवाई होगी, या रेत माफिया का यह खेल फिर से “चलता रहेगा”

कटनी। बरही-विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के बहिरघटा, सुतरी, जाजागढ़, लदहर समेत आसपास के इलाकों में पिछले करीब दो महीनों से बड़े पैमाने पर अवैध रेत खनन का सिलसिला चल रहा है।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह सब उस समय हुआ जब संबंधित कंपनी को न तो लेटर ऑफ इंटेंट (LOI) जारी हुआ था और न ही कोई वैध खनन अनुबंध।

कौन है यह कंपनी?

धन लक्ष्मी कंपनी, जिसने टेंडर में सबसे ज्यादा बोली लगाई थी। पुराना ठेका सरेंडर करने के बाद दोबारा टेंडर प्रक्रिया हुई, लेकिन शासन स्तर से LOI जारी होने से पहले ही कंपनी ने अपने पुराने इंफ्रास्ट्रक्चर और मशीनों का इस्तेमाल कर नदी से भारी मात्रा में रेत निकाल ली।

क्या कहते हैं नियम?

LOI जारी होने से पहले किसी भी प्रकार का खनन कार्य पूरी तरह प्रतिबंधित हैबिना वैध अनुबंध/परमिट के खनन = स्पष्ट रूप से अवैधअवैध खनन पर मशीन जब्त, FIR और भारी जुर्माने का प्रावधानफिर भी इन नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गईं।

भारी जेसीबी, पोकलेन जैसी मशीनें नदी के बीच में उतारी गईं। वीडियो में साफ दिख रहा है कि कैसे रेत के ढेर लगाए जा रहे हैं और ट्रक भर-भरकर ले जाया जा रहा है।

स्थानीय लोगों के मुख्य आरोपपूरा खनन प्रशासनिक संरक्षण में चल रहा हैखनिज विभाग की तरफ से न तो रोक लगाई गई, न मशीनें जब्त की गईंभंडारण के नाम पर ई-टीपी जारी कर अप्रत्यक्ष संरक्षण दिया गयादो महीने में कंपनी ने भारी आर्थिक मुनाफा कमायानदी का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है,

भविष्य में जल संकट की आशंकाअब तक की स्थिति (23 दिसंबर 2025 तक)शासन ने हाल ही में कंपनी का LOI निरस्त कर दिया है, लेकिन दो महीने के अवैध खनन के दौरान हुई अवैध कमाई और पर्यावरण को हुए नुकसान पर कोई ठोस कार्रवाई अब तक नजर नहीं आई।

बड़े सवालLOI से पहले इतने बड़े पैमाने पर खनन कैसे संभव हुआ?खनिज अधिकारी और स्थानीय प्रशासन की भूमिका क्या थी?

अवैध रेत से हुई कमाई का हिसाब कौन करेगा?

पर्यावरण क्षति का आकलन और जिम्मेदारों पर कार्रवाई कब होगी?

स्थानीय लोग अब इंतजार कर रहे हैं कि क्या इस बार वायरल वीडियो और सबूतों के बावजूद कार्रवाई होगी, या रेत माफिया का यह खेल फिर से “चलता रहेगा”।

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