Budhwar ko Karen Ganesh ji ka poojan: जानिए क्यों बन गया बुधवार भगवान गणपति पूजन का दिन
भगवान श्री गणेश की बुधवार को पूजा करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है। बुधवार के दिन गणपति की आराधना का बहुत महत्व है । इसके पीछे पौराणिक मान्यताएं हैं।
पौराणिक मान्यता के अनुसार जब भगवान गणेश का जन्म हुआ था तो उस समय बुध देवता कैलाश में उपस्थित थे। बुध देव की उपस्थिति के कारण श्रीगणेश जी की आराधना के लिए वह प्रतिनिधि वार हुए यानी बुधवार के दिन गणेश जी पूजा का विधान बन गया।
बुधवार को भगवान गणेश की पूजा का भी विधान है अतः बुधवार का दिन को भगवान गणेश का दिन भी माना जाता है। यदि की व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर होता है तो उसे बुधवार के भगवान गणेश की पूजा व व्रत करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है बुधवार के दिन कोई भी शुभ कार्य आरम्भ करना चाहिए।
गणेश जी के बारह नाम
गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।
नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक:।।
धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।
गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम्।।
ये भगवान गणेश जी के बारह नाम है। इन नामों का जप उचित स्थान पर बैठकर किया जाए तो यह उत्तम फलदायी है। जब पूरी पूजा विधि हो जाए तो कम से कम 11 बार इन नामों का जप करना शुभ होता है।
बुधवार का व्रत
बुधवार का व्रत बुधदेवता की कृपा व आर्शीवाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यदि कोई व्यक्ति अपने घर में शांति तथा सर्व सुखों की इच्छा रखता है तो उसके बुधवार का व्रत करना चाहिए। बुधवार के व्रत में दिन व रात में एक ही बार भोजन करना चाहिए।
हरी वस्तुओं का उपयोग करें
इस व्रत के दौरान हरी वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए – जैसे भोजन में हरी सब्जी, हरे रंग के वस्त्र इत्यादि। पूरे दिन का उपवास करने के बाद अंत में भगवान शिव की पूजा, धूप, बेल-पत्र आदि के साथ करनी चाहिए और बुधवार व्रत कथा सुनकर और बुधदेव की आरती के बाद प्रसारद ग्रहण करना चाहिए। प्रासरद में गुड़, भात और दही होना चाहिए और इस दिन भगवान को सफेद फूल चढ़ाने चाहिए।
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