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नाबालिग बालिका से छेड़छाड़ मामले में आरोपी को 3 साल की सजा, POCSO एक्ट के तहत सश्रम कारावास

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मीडिया सेल प्रभारी सुरेंद्र कुमार गर्ग ने बताया कि यह फैसला बालिकाओं की सुरक्षा और POCSO एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है

मीडिया सेल प्रभारी सुरेंद्र कुमार गर्ग ने बताया कि यह फैसला बालिकाओं की सुरक्षा और POCSO एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है

कटनी, 15 दिसंबर 2025: जिला कटनी के बरही क्षेत्र में एक नाबालिग बालिका के साथ छेड़छाड़ और घर में घुसकर हमला करने के मामले में विशेष POCSO कोर्ट ने आरोपी अनुराग चौहान को दोषी ठहराते हुए कड़ी सजा सुनाई है।

माननीय विशेष न्यायाधीश (POCSO एक्ट) ने 11 दिसंबर 2025 को आरोपी को POCSO एक्ट की धारा 7/8 के तहत 3 वर्ष का सश्रम कारावास और 500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

इसके अलावा भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में भी सजा सुनाई गई:

धारा 354 (महिला की गरिमा भंग करना):

1 वर्ष सश्रम कारावास एवं 500 रुपये जुर्मानाधारा 354क(1)(i)(ii) (यौन उत्पीड़न): 2 वर्ष सश्रम कारावास एवं 500 रुपये जुर्मानाधारा 456 (रात्रि में घर में घुसना): 2 वर्ष सश्रम कारावास एवं 500 रुपये जुर्मानाधारा 323 (मारपीट): 6 माह सश्रम कारावास एवं 200 रुपये जुर्मानाप्रकरण थाना बरही के अपराध क्रमांक 327/2024 (एससी/22/2024) से संबंधित है।

शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक एवं सहायक जिला अभियोजन अधिकारी आशुतोष द्विवेदी ने की।

घटना का विवरण:

मामला 17 मई 2024 का है। पीड़िता (आयु लगभग 17 वर्ष 7 माह) अपने घर में सो रही थी जब रात्रि करीब 1 बजे आरोपी अनुराग चौहान घर में घुस आया। उसने बुरी नीयत से पीड़िता का हाथ पकड़ा और छेड़छाड़ शुरू कर दी।

मना करने पर धक्का दिया, जिससे पीड़िता की पिंडली में चोट आई। चिल्लाने की आवाज सुनकर मां और चाचा दौड़कर आए, तब आरोपी छत से कूदकर फरार हो गया।

पीड़िता ने पहले भी आरोपी द्वारा छेड़छाड़ की शिकायत की थी, लेकिन डर के कारण चुप रही थी। घटना के बाद परिवार ने आरक्षी केंद्र बरही में शिकायत दर्ज कराई, जिस पर IPC की धाराओं के साथ POCSO एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।

जांच पूरी होने के बाद न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया।न्यायालय ने अभियोजन के गवाहों और दस्तावेजों को विश्वसनीय मानते हुए सभी आरोप सिद्ध पाए और आरोपी को दोषी ठहराया।

मीडिया सेल प्रभारी सुरेंद्र कुमार गर्ग ने बताया कि यह फैसला बालिकाओं की सुरक्षा और POCSO एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

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