Balaghat Wildlife News : बालाघाट की वीरांगना, बाघ से भी नहीं डरी, अब लोग दे रहे हिम्मत उसकी हिम्मत की दाद
बालाघाट के एक गांव में ऐसी घटना घटी की अब हर ओर उस लड़की बहादुरी की लोग प्रशंसा कर रहे हैं। वह बाघ से डरी नहीं। उसकी आवाज से सहमी नहीं। बल्कि वह उसने बहादुरी से अपनी जान बचाने का प्रयास किया और वह सुरक्षित बच भी गई। अब पूरे बालाघाट सहित मध्यप्रदेश में लोग कह रहे हैं। लड़की है लड़ सकती।
बालाघाट, कटनी सिटी.काम।
बालाघाट के एक गांव में ऐसी घटना घटी की अब हर ओर उस लड़की बहादुरी की लोग प्रशंसा कर रहे हैं। वह बाघ से डरी नहीं। उसकी आवाज से सहमी नहीं। बल्कि वह उसने बहादुरी से अपनी जान बचाने का प्रयास किया और वह सुरक्षित बच भी गई। अब पूरे बालाघाट सहित मध्यप्रदेश में लोग कह रहे हैं। लड़की है लड़ सकती है।
हां यह कहानी एक अपराजिता की है। लड़की की है। वह धान काट कर आ रही थी तब उसे पता नहीं था कि क्या होने वाला है। अचानक एेसा पल आया जिसकी वह कल्पना भी नहीं कर सकती थी।
जिले में इन दिनों धान की कटाई का काम जोरों पर चल रहा है। इधर तिरोड़ी के बड़पानी बीट क्षेत्र अंतर्गत 28 अक्टूबर की शाम ग्राम मासुलखापा निवासी एक युवती धान की कटाई कर घर लौट रही थी। तभी उस पर बाघ ने हमला कर दिया। ग्राम मासुलखापा में धान काटकर लौट रही भारती पिता बालचंद सोनवाने 19 वर्ष पर बाघ ने हमला कर दिया। अचानक हुए इस हमले के बाद भी भारती डरी नहीं बल्कि खुद को बचाने के लिए प्रयास किया। बाघ ने पहला हमला सिर पर किया लेकिन युवती ने किसी तरह से धान के खेत में में कूदकर अपनी जान बचाकर शोर मचाया। इसी बीच आसपास के लोगों के शोर मचाने पर बाघ वहां से जंगल की तरफ भाग गया। भारती ने बताया कि बाघ किस तरफ से आया था उसे कुछ मालूम नहीं है। बाघ ने उसके सिर पर मारकर पीछे पंजे के नाखून गड़ा दिए।इससे वह असहनीय दर्द से कराह उठी। लेकिन मैंने अपने को बचाने के लिए प्रयास नहीं छोड़ा।इसके कुछ देर बाद शोर सुनकर कुछ ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। ग्रामीणों को आता देखकर उसकी हिम्मत और बढ़ गई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटंगी में भर्ती कराया गया है। जहां प्राथमिक इलाज के बाद जिला अस्पताल रेफर किया गया था। यहां सुधार होने पर छु्ट्टी करवा दी गई।
वहीं बाघ के हमले की जानकारी आसपास के गांवों में लगने पर लोगों दहशत का माहौल व्याप्त है और किसानों ने खेतों की ओर जाना बंद कर दिया है और धान कटाई कार्य थम गया है।वन विभाग ने गांव में मुनादी करवाकर उस क्षेत्र में जाने से मना किया है। वन परिक्षेत्र कटंगी के पठार क्षेत्र में आने वाले पूरे जंगल सिवनी पेंच से जुड़े होने के चलते वन्यप्राणी बाघ, तेंदुए, हिरण, भालू, नीलगाय सहित वन्यप्राणी आ गए है।वन्यप्राणी अनेक बार विचरण करते हुए खेतों व गांव तक आ जाते है।
सूने पड़े धान के खेत
वहीं बाघ की दहशत इतनी है कि लोग खेत जाने से डर रहे हैं। इस वजह से धान के खेत सूने पड़े हैं। किसान सुरेश शरणागत ने बताया कि शनिवार को धान की कटाई कार्य करने खेत की तरफ कोई नहीं गए। समीपस्थ ग्राम कोड़बी, बड़पानी, दिग्धा, महकेपार बाघ की दहशत बनी हुई है। वहीं किसान कह रहे हैं कि जानवरों को मारना तो बाघ का काम है लेकिन अब वह हिंसक हो चुका है। उसने काम कर रही युवती पर हमला कर दिया है। वहीं वन विभाग के जिम्मेदार कह रहे हैं कि वन विभाग ने ग्राम मासुलखापा में मुनादी करवा दी है।घायल युवती की हालत अभी ठीक है।