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Jay Jay Shri Hanuman : अजर अमर गुननिधि सुत होहू। करहुँ बहुत रघुनायक छोहू॥


हे पुत्र! तुम अजर (बुढ़ापे से रहित), अमर और गुणों के खजाने होओ। श्री रघुनाथजी तुम पर बहुत कृपा करें।
अंजनि सुत को माता सीता ने यह वरदान दिया है।

हे पुत्र! तुम अजर (बुढ़ापे से रहित), अमर और गुणों के खजाने होओ। श्री रघुनाथजी तुम पर बहुत कृपा करें।
अंजनि सुत को माता सीता ने यह वरदान दिया है।

”अश्वत्थामा बलिव्र्यासो हनूमांश्च विभीषण:।

कृप: परशुरामश्च सप्तएतै चिरजीविन:॥

सप्तैतान् संस्मरेन्नित्यं मार्कण्डेयमथाष्टमम्।

जीवेद्वर्षशतं सोपि सर्वव्याधिविवर्जित।।

अर्थात इन लोगों (अश्वथामा, दैत्यराज बलि, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य, परशुराम और मार्कण्डेय ऋषि) का स्मरण सुबह-सुबह करने से सारी बीमारियां समाप्त होती हैं और मनुष्य 100 वर्ष की आयु को प्राप्त करता है। वेद व्यासजी को भी चिरंजीवी माना जाता है। प्राचीन मान्यताओं के आधार पर यदि कोई व्यक्ति हर रोज इन आठ अमर लोगों (अष्ट चिरंजीवी) के नाम भी लेता है तो उसकी उम्र लंबी होती है।
इस धरा पर जिन सात मनीषियों को अमरत्व का वरदान प्राप्त है, उनमें बजरंगबली भी हैं। मान्यता है कि श्री बाला जी महाराज का जन्म हरियाणा के कैथल जिले में हुआ था जिसका प्राचीन नाम कपिस्थल था‌।

नाम लेने से मिल जाता है फल
प्रातः काल उठते ही हनुमान जी के तेरह नामों का 11 बार पाठ करने वाला व्यक्ति दीर्घायु होता है।हनुमान जी के तेरह नामों का नित्य नियम से पाठ करने से मनोकामना पूर्ण होती हैं।धार्मिक मान्यता के अनुसार हनुमान जी की पूजा मंगलवार और शनिवार को करना उत्तन माना जाता है। 
ये हैं हनुमान जी के 13 नाम
हनुमान – जिनकी ठोड़ी टूटी हो

रामेष्ट – श्री राम भगवान के भक्त

फाल्गुनसखा – फाल्गुन अर्थात् अर्जुन के सखा

सीतासोकविनाशक – देवी सीता के शोक का विनाश करने वाले

वायुपुत्र – हवा के पुत्र
उधिकर्मण – उद्धार करने वाले

अंजनीसुत – अंजनी के पुत्र

पिंगाक्ष – भूरी आँखों वाले

लक्ष्मण प्राणदाता – लक्ष्मण के प्राण बचाने वाले

महाबली – बहुत शक्तिशाली वानर

अमित विक्रम – अत्यन्त वीरपुरुष

दशग्रीव दर्प: – रावण के गर्व को दूर करने वाले

वानरकुलथिन थोंडैमान – वानर वंश (तमिल) के वंशज

हनुमान जी के विषय में विशेष जानकारी

ब्रह्मांडपुराण के अनुसार अपने भाइयों में हनुमान जी को सबसे बड़े थे। इसके बाद उनके बाकि 5 भाई थे जिनका नाम मतिमान, श्रुतिमान, केतुमान, गतिमान और धृतिमान था। इन सभी के नामों के बारे में इस ग्रंथ में बताया गया है।

महाभारत काल में पांडु पुत्र व अति बलशाली भीम को भी हनुमान जी का भाई कहा गया है।