देवप्रबोधिनी एकादशी पर कटायेघाट का दीपोत्सव: 15 हजार दीपों की ज्योति ने तट को रोशन किया, भजन-आरती से बही भक्ति की धारा
कटायेघाट का यह दिव्य दृश्य न केवल कटनीवासियों की आस्था को मजबूत करेगा, बल्कि दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों को भी आकर्षित करेगा
कटायेघाट का यह दिव्य दृश्य न केवल कटनीवासियों की आस्था को मजबूत करेगा, बल्कि दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों को भी आकर्षित करेगा




कटनी, 2 नवंबर 2025: मध्य प्रदेश के कटनी जिले में कटनी नदी के हृदयस्थल पर बसे ऐतिहासिक कटायेघाट ने कल देव प्रबोधिनी एकादशी की पावन संध्या पर श्रद्धा, भक्ति और आस्था के दिव्य संगम का अनुपम दृश्य प्रस्तुत किया।
दीपोत्सव पर्व-2025 के अंतर्गत जिला प्रशासन, श्रीरामचन्द्र पथ गमन न्यास और संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस भव्य समारोह में 15 हजार से अधिक दीपों की स्वर्णिम आभा ने घाट को चमत्कारिक प्रकाशमय बना दिया।
सूर्य के अस्ताचल गमन के साथ ही दीपमालाओं की ज्योति ने अंधकार को चुनौती दी, जबकि श्रद्धालुओं के ‘जय श्रीराम’ के उद्घोषों ने अंधकार पर विश्वास और सत्य की विजय का संदेश गूंजाया।
आकाश में फूटती रंग-बिरंगी आतिशबाजियों ने इस दृश्य को राममय बना दिया, जहां भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण के प्रतीकात्मक स्वरूप झिलमिलाती रोशनी में जीवंत हो उठे।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां नर्मदा व कटनी नदी की वैदिक पूजन-अर्चना से हुआ, जिसके बाद घाट पर सजी दीपमालाओं ने नदी की लहरों को भी चांदी-सी चमक प्रदान कर दी। नर्मदापुरम के प्रसिद्ध भजन गायक नमन तिवारी ने संध्या भजन संध्या के दौरान अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से समां बांध दिया।
‘गाइए गणपति जगवंदन’, ‘राम नाम अति मीठा है’, ‘राम आ जाते हैं’ और ‘तेरी चौखट में चलकर आज राम आये हैं’ जैसे हृदयस्पर्शी भजनों ने श्रद्धालुओं को गहन आध्यात्मिक वातावरण में डुबो दिया।
तालियों की गूंज और भावुक स्वरों से पूरा घाट भक्ति रस से सराबोर हो गया, मानो स्वयं प्रभु राम का अवतरण हो गया हो।
इस ऐतिहासिक आयोजन में नगर की प्रथम नागरिक महापौर श्रीमती प्रीति सूरी, कलेक्टर आशीष तिवारी, निगमायुक्त तपस्या परिहार, जिला भाजपा अध्यक्ष, निगमाध्यक्ष मनीष पाठक, एसडीएम प्रमोद कुमार चतुर्वेदी, डिप्टी कलेक्टर प्रदीप कुमार मिश्रा, पार्षदगण, पर्यावरणविद् निर्भय सिंह, डॉ. बी.के. प्रसाद सहित मेयर इन काउंसिल सदस्य, विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी और हजारों की संख्या में स्थानीय नागरिकों ने भाग लिया।
उनकी सक्रिय सहभागिता ने इस समारोह को यादगार बना दिया।महापौर प्रीति सूरी ने दीप प्रज्वलन के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, “यह दीपोत्सव हमारी सांस्कृतिक विरासत को जीवंत करने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक है।
पर्यावरण-अनुकूल दीपों के माध्यम से हम नर्मदा मां को स्वच्छ और शुद्ध रखने की शपथ ले रहे हैं।” कलेक्टर आशीष तिवारी ने भी जोर देकर कहा, “भगवान विष्णु के प्रबोधिनी अवसर पर यह उत्सव हमें आध्यात्मिक जागरण के साथ सामाजिक सद्भाव का संदेश देता है।
कटनी को रामायण पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाने में ऐसे आयोजन मील का पत्थर साबित होंगे।”देव प्रबोधिनी एकादशी, जो कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है, भगवान विष्णु के चार मास की योगनिद्रा के बाद जागरण का प्रतीक है।
इस वर्ष का दीपोत्सव न केवल धार्मिक उत्सव के रूप में चमका, बल्कि पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
कार्यक्रम में प्लास्टिक मुक्त अभियान चलाया गया, और श्रद्धालुओं से अपील की गई कि वे ट्रैफिक नियमों का पालन करें तथा घाट को स्वच्छ रखें।
रात्रि भर चली महाआरती, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और प्रसाद वितरण ने इस समारोह को और भी समृद्ध किया।जिला प्रशासन ने घोषणा की है कि अगले वर्ष इस दीपोत्सव को और अधिक भव्य रूप देकर इसे राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित किया जाएगा।
कटायेघाट का यह दिव्य दृश्य न केवल कटनीवासियों की आस्था को मजबूत करेगा, बल्कि दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों को भी आकर्षित करेगा।
