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katni court news : दहेज उत्पीड़न और क्रूरता के मामले में पति को 7 साल की सजा

माननीय नवम् अपर सत्र न्यायाधीश, कटनी

कटनी, मध्य प्रदेश: माननीय नवम् अपर सत्र न्यायाधीश, कटनी ने थाना रीठी के अपराध क्रमांक 486/2023 (सत्र प्रकरण क्रमांक 194/2023) में आरोपी अनिल चौधरी को दहेज हत्या और पत्नी के साथ क्रूरता के मामले में दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई। आरोपी को धारा 304बी (भारतीय दंड संहिता) के तहत 7 वर्ष के सश्रम कारावास और 2000 रुपये के जुर्माने तथा धारा 498ए (भारतीय दंड संहिता) के तहत 3 वर्ष के सश्रम कारावास और 1000 रुपये के जुर्माने की सजा दी गई। इस मामले में अपर लोक अभियोजक शैलेंद्र नागौत्रा ने प्रभावी पैरवी की।

मामले का विवरण

मीडिया सेल प्रभारी सुरेंद्र कुमार गर्ग के अनुसार, मृतिका के माता-पिता और भाई ने अपने बयानों में बताया कि मृतिका, जो ग्राम इमलिया, थाना शाहनगर, जिला पन्ना की निवासी थी, की शादी लगभग दो वर्ष पूर्व अनिल चौधरी के साथ सामाजिक रीति-रिवाजों के अनुसार हुई थी। शादी में मृतिका के माता-पिता ने अपनी हैसियत के अनुसार दहेज में सामान दिया था। हालांकि, शादी के बाद से ही अनिल चौधरी अपनी पत्नी को शराब पीकर गाली-गलौज और मारपीट के जरिए प्रताड़ित करता था। मृतिका ने अपनी बहन और मां को फोन पर और व्यक्तिगत मुलाकातों में बताया कि उसका पति शराबी है और उसे अत्यधिक परेशान करता है।

मृतिका के भाई के अनुसार, अनिल चौधरी अपनी पत्नी से नई मोटरसाइकिल लाने की मांग करता था और बच्ची के जन्म के बाद भी दहेज में कमी का ताना देता था। इस उत्पीड़न से तंग आकर मृतिका ने 29 अक्टूबर 2023 को कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

जांच और कानूनी प्रक्रिया

मामले की प्रारंभिक जांच में आरक्षी केंद्र रीठी ने धारा 174 (दंड प्रक्रिया संहिता) के तहत मर्ग क्रमांक 69/2023 दर्ज किया। जांच के बाद अपराध क्रमांक 486/2023 के तहत अनिल चौधरी के खिलाफ धारा 304बी (भारतीय दंड संहिता) और दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3/4 के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई। अनुसंधान पूरा होने पर अभियुक्त के खिलाफ अभियोग-पत्र संबंधित न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

विचारण के दौरान, अपर लोक अभियोजक शैलेंद्र नागौत्रा ने गवाहों के बयान, दस्तावेजी साक्ष्य और वैज्ञानिक साक्ष्य प्रस्तुत कर आरोपी के खिलाफ आरोप सिद्ध किए। उनके ठोस तर्कों और साक्ष्यों के आधार पर माननीय न्यायालय ने अनिल चौधरी को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई।

सामाजिक संदेश

यह फैसला दहेज उत्पीड़न और महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामलों में कठोर कानूनी कार्रवाई का स्पष्ट संदेश देता है। समाज में दहेज प्रथा और महिलाओं के प्रति क्रूरता को रोकने के लिए ऐसी सजाओं का महत्वपूर्ण योगदान है।

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