Katni municipal news कटनी में नगर निगम के अतिक्रमण दस्ते पर भड़का जनाक्रोश: वायरल वीडियो में गरीब सब्जी ठेले वाले से सब्जी लूटते दिखे कर्मचारी
नगर निगम प्रशासन अतिक्रमण प्रभारी महेंद्र सिंह ने कहा कि अतिक्रमण हटाना शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए जरूरी है। उन्होंने दावा किया सब्जियां विक्रेताओं को वापस की जाती है। लेकिन विक्रेताओं को हाल सब्जी वापस करने की वीडियो और फोटो में उपलब्ध नहीं कर सके
नगर निगम प्रशासन अतिक्रमण प्रभारी महेंद्र सिंह ने कहा कि अतिक्रमण हटाना शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए जरूरी है। उन्होंने दावा किया सब्जियां विक्रेताओं को वापस की जाती है। लेकिन विक्रेताओं को हाल सब्जी वापस करने की वीडियो और फोटो में उपलब्ध नहीं कर सके


कटनी, 30 अक्टूबर 2025: मध्य प्रदेश के कटनी शहर में नगर निगम के अतिक्रमण दस्ते की मनमानी ने एक बार फिर सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में दस्ते के कर्मचारी एक गरीब सब्जी विक्रेता के ठेले से सब्जियां जब्त करते और लूटते नजर आ रहे हैं।
यह घटना शहर में बहस छेड़ने के साथ-साथ जनता में आक्रोश फैला रही है, जहां लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर बड़े ट्रकों को ‘नो एंट्री’ जोन में आने-जाने की छूट क्यों,
जबकि एक छोटे ठेले वाले का रोजगार छीन लिया जाता है?
घटना का विवरण
वीडियो में दिखाया गया है कि कटनी के व्यस्त बाजार क्षेत्र में अतिक्रमण दस्ता एक महिला सब्जी विक्रेता के ठेले पर पहुंचा। कर्मचारी बिना किसी पूर्व चेतावनी के ठेले से सब्जियां निकालकर जब्त करने लगे, जिससे विक्रेता भावुक हो गई।
वीडियो में विक्रेता की गुहार और कर्मचारियों का कठोर रवैया साफ नजर आ रहा है। यह घटना हाल ही में हुई मानी जा रही है, और सोशल मीडिया पर इसे हजारों बार शेयर किया जा चुका है।
एक यूजर ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा, “नो एंट्री में बड़े-बड़े ट्रक आ सकते हैं??
लेकिन रोड किनारे सब्जी बेचने वाले व्यापार नहीं कर सकते??
#नगर_निगम कटनी में आम जनता के सेवक बनने वाले कहां हैं?”
यह पहली बार नहीं है जब कटनी नगर निगम का अतिक्रमण दस्ता स्ट्रीट वेंडर्स पर सख्ती दिखा रहा है। पिछले कुछ महीनों में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जहां सब्जी और फल बेचने वालों के सामान को जब्त किया गया।
एक रिपोर्ट के अनुसार, मोदी सरकार की ‘पीएम स्वनिधि’ योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स को सहायता देने का दावा किया जाता है, लेकिन जमीनी स्तर पर ये विक्रेता लगातार परेशान हो रहे हैं।
जनता का रोष और सवालों की बौछारसोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही #कटनी_नगर_निगम और #अतिक्रमण_दस्ता जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।
लोगों ने टिप्पणियों में लिखा:
“गरीब का सहारा बनने का नाटक करने वाले जिम्मेदार क्यों मौन हैं? चंद पैसे में ट्रकों को रास्ता, लेकिन ठेले वाले का निवाला छीन लिया जाता है।
“”यह न्याय कहां का है?
नगर निगम को विक्रेताओं के लिए वैकल्पिक स्थान उपलब्ध कराना चाहिए, न कि उनका सामान लूटना।”कई यूजर्स ने पुरानी घटनाओं का जिक्र किया,
जैसे 2022 में सब्जी विक्रेता महिलाओं और निगम कर्मियों के बीच हुई मारपीट, जो भी वीडियो के जरिए वायरल हुई थी। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “शहर की सड़कों पर अतिक्रमण तो हर जगह है, लेकिन गरीबों को ही निशाना क्यों बनाया जा रहा है?
बड़े व्यापारियों को रसीदें जारी हो रही हैं, लेकिन छोटे ठेले वालों का क्या?
“नगर निगम का पक्ष?
नगर निगम प्रशासन अतिक्रमण प्रभारी महेंद्र सिंह ने कहा कि अतिक्रमण हटाना शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए जरूरी है। उन्होंने दावा किया सब्जियां विक्रेताओं को वापस की जाती है। लेकिन विक्रेताओं को हाल सब्जी वापस करने की वीडियो और फोटो में उपलब्ध नहीं कर सके।
2019 में निगम ने सब्जी विक्रेताओं के लिए पुराने बस स्टैंड के पास शेड बनाकर 118 दुकानें आवंटित की थीं, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि ये व्यवस्था अपर्याप्त है और विक्रेता फिर भी सड़कों पर लौट आते हैं।
क्या है समाधान?
विशेषज्ञों का मानना है कि स्ट्रीट वेंडिंग को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार की योजना के तहत डिजिटल आईडी और ऋण सुविधा के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर निर्धारित जोन बनाए जाने चाहिए।
कटनी जैसे छोटे शहरों में यह मुद्दा रोजगार और आजीविका से जुड़ा है, जहां हजारों परिवार ठेले पर निर्भर हैं। अगर जल्द ही ठोस कदम नहीं उठे, तो यह विवाद और भड़क सकता है।
इनका कहना है मामले में जांच करवाई जाएगी। यदि कोई दोषी मिला तो कार्रवाई भी होगी।
तपस्या परिहार, नगर निगम, आयुक्त
