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Katni News भरी बरसात में सता रहा बेघर होने का खतरा

आईएचएसडीपी आवास योजना अंतर्गत को भरी बरसात में बेघर होने का खतरा सता रहा है। परेशान इंदिरा नगर के रहवासियों ने प्रदर्शन किया। नगरनिगम पहुंचे यहां के रहवासियों ने बताया कि यह रह रहे लोगों को आईएचएसडीपी आवास योजना के घर खाली करवाने के नोटिस दिए गए हैं।

इंदिरा नगर से आईएचएसडीपी के मकानों में रहने वाले लोग पहुंचे नगर निगम
  कटनी।आईएचएसडीपी आवास योजना अंतर्गत  को भरी बरसात में बेघर होने का खतरा सता रहा है। परेशान इंदिरा नगर के रहवासियों ने प्रदर्शन किया। नगरनिगम पहुंचे यहां के रहवासियों ने बताया कि यह रह रहे लोगों को आईएचएसडीपी आवास योजना के घर खाली करवाने के नोटिस दिए गए हैं।
विगत सात-आठ वर्षों से रह रहे लोगों ने कहा कि बरसात में आखिर परिवार को लेकर कहां जाएं। उन लोगों को नगरनिगम द्वारा आवास खाली करने का नोटिस जारी किया गया है जिनके नाम आवास आवंटन नहीं है और वह विगत वे इन आवासो में रह रहे हैं। इनका कहना है की नगर निगम को पच्चीस हजार राशि जमा करने के बाद इनके नाम आवास आज तक नगरनिगम द्वारा नहीं करवाए गए हैं।
जिन लोगों ने पहले से राशि जमा की हुई है और उन सब के पास गरीबी रेखा का कार्ड नहीं है तो वे बेघर होते हुए नजर आ रहे हैं। यहां करीब रह रहे करीब दो सौ लोगों पर अब बेघर होने का खतरा सता रहा है।  
 गरीबों को सस्ते दर पर मकान उपलब्ध कराने सरकार ने महत्वाकांक्षी योजना 2007 में शुरू की थी। इस योजना के तहत 16 साल पहले 2921 लाख रुपए से इंटीग्रेटेड हॉउसिंग एंड स्लम डेवलपमेंट प्रोग्राम (आइएचएसडीपी) योजना शुरू की गई थी। दो साल के अंदर एक हजार 119 गरीबों को आवास मुहैया कराना था, लेकिन अबतक नगर निगम एक हजार आवासों का भी निर्माण नहीं करा पाई। हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि गरीबों के लिए बने मकानों में सरलानगर, इंद्रानगर, प्रेमनगर में अवैध तरीके से सालों से लोग कब्जा करके रह रहे हैं। इतना ही नहीं मकानों भाड़े पर दिया गया है। गरीबों के मकान पर ऐसे लोगों का कब्जा है जो इसके पात्र नहीं है। ऐसे में मामले में आला अधिकारियों की मिली भगत से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। आज भी यह योजना न सिर्फ अधूरी है बल्कि गरीबों के मकानों को बनाने में अफसरों ने कोताही बरती है। इस योजना के नोडल अधिकारी ने भी जमकर मनमानी की गई है।