कटनी: हत्या के मामले में आरोपी कैलाश चौधरी को आजीवन कारावास
कटनी, 03 सितंबर 2025: कटनी के चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने थाना माधवनगर के सनसनीखेज हत्या मामले (अपराध क्रमांक 53/2022, सत्र प्रकरण क्रमांक 86/2022) में आरोपी कैलाश उर्फ झोला चौधरी को भारतीय दण्ड संहिता (भादवि) की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और 1000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। इस मामले में विशेष लोक अभियोजक श्री रामनरेश गिरि ने प्रभावी पैरवी की, जिसके परिणामस्वरूप यह फैसला आया।
घटना का विवरण
मामला 28 जनवरी 2022 का है, जब सूचनाकर्ता राजेंद्र बर्मन सुबह करीब 9:30 बजे अपने घर से अग्रवाल ढाबा की ओर जा रहे थे। रास्ते में एनएच-30 के किनारे प्रतीक्षालय के पास एक ट्राइसाइकिल खड़ी दिखी। पास जाकर देखने पर राजेंद्र को एक 35-40 वर्षीय व्यक्ति का शव मिला, जिसके सिर में बड़ा छेद था और चेहरा व सिर खून से सना था। शव के पास जमीन पर खून बिखरा हुआ था और लगभग 10 फीट की दूरी पर खून से सना एक बड़ा पत्थर भी पड़ा था। मृतक के पहनावे से प्रतीत हुआ कि वह कोई साधु बाबा हो सकता है।
राजेंद्र बर्मन की सूचना के आधार पर माधवनगर पुलिस ने मर्ग इंटीमेशन (0/02/22) दर्ज किया और जांच शुरू की। सहायक उपनिरीक्षक श्री आर. भदौरिया और झिंझरी चौकी के अधिकारियों ने प्रारंभिक जांच की। शव को पहचान के लिए दो दिन तक जिला अस्पताल कटनी के फ्रीजर में रखा गया। 28 जनवरी 2022 को चिकित्सकीय विशेषज्ञ ने शव का पोस्टमॉर्टम किया, जिसमें सिर पर गंभीर चोट को मृत्यु का कारण बताया गया।
अनुसंधान और सबूत
1 फरवरी 2022 को माधवनगर पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भादवि की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया। अनुसंधान के दौरान 3 फरवरी 2022 को आरोपी कैलाश चौधरी ने पुलिस हिरासत में साक्षियों की मौजूदगी में मेमोरेंडम (प्र.पी.-08) दर्ज कराया। उसी दिन कैलाश ने अपने घर से खून से सने एक ऊनी स्वेटर, मेहरून रंग का लोअर और गले की चेन का टूटा हुआ टुकड़ा पुलिस को सौंपा, जिन्हें सबूत के रूप में जप्त किया गया।
जिला जेल कटनी में कार्यपालक मजिस्ट्रेट ने कैलाश की शिनाख्त परेड कराई। अनुसंधान के बाद, दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 173 के तहत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। पुलिस अधीक्षक और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कटनी के निर्देशन में डीएनए जांच शीघ्र पूरी की गई और डीएनए रिपोर्ट न्यायालय में पेश की गई।
विचारण और फैसला
मामले की जांच में उपनिरीक्षक रजनीश भदौरिया और रश्मि सोनकर ने गहन और सूक्ष्मता से विवेचना की। विशेष लोक अभियोजक श्री रामनरेश गिरि ने साक्षियों के बयान, दस्तावेजी साक्ष्य और वैज्ञानिक सबूतों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। न्यायालय ने सभी साक्ष्यों का सूक्ष्म विश्लेषण कर आरोपी कैलाश चौधरी को दोषी ठहराया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
पुलिस और अभियोजन की भूमिका
माधवनगर थाना प्रभारी और नोडल अधिकारी के मार्गदर्शन में लिंक अधिकारी ने समय-समय पर सहयोग प्रदान किया। पुलिस और अभियोजन की त्वरित और सटीक कार्रवाई के कारण यह मामला शीघ्रता से निष्कर्ष तक पहुंचा। मीडिया सेल प्रभारी सुरेंद्र कुमार गर्ग ने बताया कि यह फैसला पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण कदम है।
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