कटनी। मध्य प्रदेश के कटनी जिले में शासकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना की मांग लंबे समय से उठ रही है, लेकिन ढाई साल पहले की गई घोषणा के बावजूद अभी तक एक भी ईंट नहीं लगाई गई है। स्थानीय निवासियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का आरोप है कि अब इस सरकारी प्रोजेक्ट को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड में बदलकर निजी हाथों में सौंपने की साजिश रची जा रही है। यह मुद्दा जिले की 15 लाख से अधिक आबादी के स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ा है, जहां उन्नत चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण लोगों को जबलपुर या अन्य शहरों का रुख करना पड़ता है।
कटनी मेडिकल कॉलेज की घोषणा पहली बार 2022 में की गई थी, जब मध्य प्रदेश सरकार ने भोपाल, इंदौर, जबलपुर, बालाघाट और कटनी में PPP मोड पर मेडिकल कॉलेज शुरू करने का फैसला लिया था। हालांकि, स्थानीय स्तर पर इसे 2023 की शुरुआत में विधानसभा चुनावों से पहले शासकीय मेडिकल कॉलेज के रूप में प्रचारित किया गया, जिससे लोगों में उम्मीद जगी। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर #katni_medical_college हैशटैग के तहत जनवरी 2023 से जून 2023 तक कई पोस्ट्स में स्थानीय निवासी और संगठन जैसे @K_D_A_katni ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रधानमंत्री कार्यालय और सांसदों को टैग कर मांग उठाई थी। एक पोस्ट में कहा गया, “कटनी जिलों को शिक्षा व स्वास्थ्य के पिछड़ेपन से निकालने हेतु… शासकीय मेडिकल कॉलेज अनिवार्य है”।
लेकिन प्रगति शून्य रही। 2024 में मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने कटनी में मेडिकल कॉलेज की स्थापना और जिला अस्पताल के उन्नयन के लिए PPP मोड पर निविदाएं आमंत्रित कीं। निविदा की अंतिम तिथि 17 अगस्त 2024 थी, और अनुमानित लागत 260 करोड़ रुपये बताई गई। PPP मोड में निजी निवेशकों को वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) की सुविधा दी जाती है, लेकिन आलोचकों का कहना है कि इससे सरकारी नियंत्रण कम हो जाता है और फीस बढ़ सकती है। मध्य प्रदेश में PPP मॉडल पर मेडिकल कॉलेजों की योजना केंद्र सरकार की 2020 की नीति से जुड़ी है, जो जिला अस्पतालों का उपयोग कर ऐसे कॉलेज स्थापित करने की अनुमति देती है।
स्थानीय स्तर पर असंतोष बढ़ रहा है। 2024 में फरवरी में एक एक्स पोस्ट में पूछा गया, “Malwa region ke alwa bhi madhya pradesh me vikash hoga ky?? And about katni medical college? Which announced since 2019 lok sabha election ,in mp election 2023 officaly announced”। मार्च 2025 में एक पोस्ट में कहा गया, “Katni medical college seems to settled”, लेकिन जून 2025 तक भी निर्माण संबंधी कोई ठोस अपडेट नहीं आया। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) की वेबसाइट पर कटनी में कोई मान्यता प्राप्त MBBS कॉलेज सूचीबद्ध नहीं है, और वर्तमान में जिले में केवल नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्स वाले संस्थान हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि PPP मोड से सुविधाएं तेजी से विकसित हो सकती हैं, लेकिन पारदर्शिता और गरीबों के लिए सुलभता सुनिश्चित करना जरूरी है। कटनी विकास संघ जैसे संगठन अब विधानसभा चुनावों से पहले इस मुद्दे को फिर से उठा रहे हैं, मांग कर रहे हैं कि कॉलेज पूरी तरह शासकीय हो। सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन निविदा प्रक्रिया से संकेत मिलता है कि PPP पर जोर दिया जा रहा है।
यदि यह प्रोजेक्ट PPP में चला गया, तो कटनी जैसे राजस्व देने वाले जिले के लिए यह एक मिश्रित आशीर्वाद हो सकता है – विकास तो होगा, लेकिन क्या यह सबके लिए सुलभ रहेगा? स्थानीय निवासी अब जवाब की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
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