कटनी, 26 जुलाई 2025: ढीमरखेड़ा प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट ने वन्यप्राणी संरक्षण के एक महत्वपूर्ण मामले में सख्ती दिखाते हुए पेंगोलिन शिकार के 15 आरोपियों को 3 साल के सश्रम कारावास और कुल 3.8 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। यह मामला 2016 का है, जब कटनी वनमंडल के ढीमरखेड़ा वन परिक्षेत्र के सैलारपुर बीट में भितरीगढ़ तालाब नहर के पास मुख्य आरोपी इंदल सिंह गौड़ के पास से 3 किलो पेंगोलिन स्केल बरामद किए गए थे। जांच में पता चला कि पेंगोलिन को मारकर उसके शरीर को उबालकर स्केल निकाले गए थे, जो अवैध व्यापार के लिए इस्तेमाल होने थे।
इंदल सिंह की निशानदेही पर मध्य प्रदेश के कटनी, टीकमगढ़, पन्ना और उत्तर प्रदेश के झांसी जिले से 14 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। यह अंतरराज्यीय वन्यप्राणी तस्करी का एक बड़ा मामला था। विशेष लोक अभियोजक मंजुला श्रीवास्तव और ए.डी.पी.ओ. विनोद पटेल की प्रभावी पैरवी ने इस केस में निर्णायक भूमिका निभाई।
25 जुलाई 2025 को मजिस्ट्रेट पूर्वी तिवारी ने इंदल सिंह गौड़, रामसिंह, संतान, सुरेंद्र उर्फ मुंडा, अजीत, दरयाल सिंह, राजू, जयसिंह, प्रताप, मंतू, राजेंद्र, गुमान, मलखान, राजेंद्र कुचबंदिया और शोभरन उर्फ बल्लू को दोषी करार दिया। प्रत्येक आरोपी को 3 साल की सश्रम जेल और 10,000 से 40,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया गया।
यह फैसला वन्यप्राणी संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है। पेंगोलिन, जो वैश्विक स्तर पर संकटग्रस्त प्रजाति है, के शिकार और तस्करी के खिलाफ यह कठोर कार्रवाई अन्य अपराधियों के लिए सख्त संदेश देती है। वन विभाग और कानूनी अधिकारियों ने इस फैसले को जैव-विविधता संरक्षण की दिशा में एक बड़ी जीत बताया है।
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