ओव्हर टाइम सहित अन्य मांगों को लेकर कटनी आयुध निर्माणी कर्मचारियों ने सौंपा ज्ञापन
ओव्हर टाइम सहित अन्य मांगों को लेकर कटनी आयुध निर्माणी कर्मचारियों ने सौंपा ज्ञापन
पीएलआई स्कीम पर पुनर्विचार: लागू उत्पादकता आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) में सुधार की मांग।


कटनी, 02 अगस्त 2025: कटनी आयुध निर्माणी के रक्षा कर्मचारियों ने लगभग एक दशक से चले आ रहे आर्थिक, मानसिक और शारीरिक शोषण के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है। शनिवार को मजदूर संघ के नेतृत्व में सैकड़ों कर्मचारियों ने नारेबाजी करते हुए यंत्र इंडिया लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक, कटनी को एक ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन ओव्हर टाइम सहित अन्य प्रमुख मांगों को लेकर नागपुर मुख्यालय के मुख्य प्रबंध निदेशक को प्रेषित किया गया है।मजदूर संघ के कार्यकारी महामंत्री श्री संजय तिवारी ने बताया कि कर्मचारियों का प्राथमिक उद्देश्य निर्धारित समय पर गुणवत्तापूर्ण उत्पादन लक्ष्य प्राप्त करना है। हालांकि, 2017 से ओव्हर टाइम पर लगभग पूर्ण प्रतिबंध, कर्मचारी फोरम में बिना चर्चा के उत्पादन घंटों और रेट में कटौती, नई भर्तियों की कमी, मशीनों की जर्जर अवस्था, और कच्चे माल की अनियमित आपूर्ति जैसे मुद्दों ने कर्मचारियों का शोषण बढ़ा दिया है। इसके बावजूद, कर्मचारी लक्ष्य प्राप्ति में कभी पीछे नहीं हटे।ज्ञापन में कर्मचारी प्रतिनिधियों ने प्रबंधन की शोषणकारी नीतियों पर तत्काल अंकुश लगाने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांगों पर समयबद्ध और सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया, तो उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी।प्रमुख मांगें:न्यूनतम 51 घंटे ओव्हर टाइम: चालू वित्त वर्ष 2025-26 में उत्पादन लक्ष्य को पूरा करने के लिए आवश्यक मानक मशीन घंटे (एसएमएच) उपलब्ध एसएमएच से अधिक हैं। इसलिए, लक्ष्य प्राप्ति के लिए न्यूनतम 51 घंटे ओव्हर टाइम प्रदान करना न्यायसंगत है।पीएलआई स्कीम पर पुनर्विचार: लागू उत्पादकता आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) में सुधार की मांग।एचआरए और ओटी एरियर्स का भुगतान: न्यायालयीन आदेशों के अनुरूप हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) और ओव्हर टाइम एरियर्स का भुगतान।ठेका श्रमिकों का सीमित उपयोग: उत्पादन कार्यों में ठेका श्रमिकों का उपयोग न्यूनतम हो और उत्पादन अनुभागों में इन्हें शामिल न किया जाए।मजदूर संघ के प्रतिनिधि श्री शिव पाण्डेय के मार्गदर्शन में कर्मचारियों ने एकजुटता दिखाते हुए प्रबंधन को अपनी मांगों पर त्वरित कार्रवाई करने का अल्टीमेटम दिया है। श्री तिवारी ने कहा, “कर्मचारियों की मेहनत और समर्पण के बावजूद प्रबंधन की उदासीनता अस्वीकार्य है। हमारी मांगें न केवल कर्मचारियों के हित में हैं, बल्कि निर्माणी के उत्पादन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भी आवश्यक हैं।”
