Nurses Day हमारे स्वास्थ्य को संभालने वाली परियां
नर्सिंग का यह पेशा साधारण पेशा नहीं है। अपने पूरे व्यक्तित्व के अंदर सार संभाल और केयर के गुण वाले व्यक्ति ही इसे अपना सकते हैं।
International Nursing day special साधारण नहीं है यह पेशा
नर्सिंग का यह पेशा साधारण पेशा नहीं है। अपने पूरे व्यक्तित्व के अंदर सार संभाल और केयर के गुण वाले व्यक्ति ही इसे अपना सकते हैं।
नर्सिंग को सबसे बड़े स्वास्थ्य पेशे के रूप में माना जाता है। शारीरिक, मानसिक और सामाजिक जैसे सभी पहलुओं के माध्यम से रोगी की देखभाल करने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित और अनुभवी होना जरूरी है।
नोबल नर्सिंग सेवा की शुरुआत करने वाली फ्लोरेंस नाइटिंगेल (Florence Nightingale) के जन्म दिवस पर हर साल दुनिया भर में 12 मई अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के रूप में मनाया जाता है।
सन् 1860 में फ्लोरेंस के अथक प्रयासों का सुखद परिणाम आर्मी मेडिकल स्कूल की स्थापना के रूप में मिला। इसी वर्ष में फ्लोरेंस ने नाइटेंगल ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना की। इसी साल फ्लोरेंस ने नोट्स ऑन नर्सिंग नाम की पुस्तक का प्रकाशन किया। यह नर्सिंग पाठ्यक्रम के लिए लिखी गई विश्व की पहली पुस्तक है। ‘लेडी बिथ द लैम्प’ के नाम से पहचानी जाने वाली आधुनिक नर्सिंग की जननी ‘फ्लोरेंस नाइटिंगेल’ की याद में ही यह दिवस मनाया जाता है।
फ्लोरेंस का जन्म 12 मई सन् 1820 को हुआ था। फ्लोरेंस की याद में उनके जन्म दिन पर हर साल 12 मई को ‘अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस’ (वर्ल्ड नर्सिंग डे) के रूप में मनाया जाता है। जिंदगीभर बीमार और रोगियों की सेवा करने वाली फ्लोरेंस का अपना बचपन बीमारी और शारीरिक कमजोरी की चपेट में रहा।
पहली बार ‘नर्स दिवस’ को मनाने का प्रस्ताव अमेरिका के स्वास्थ्य, शिक्षा और कल्याण विभाग के अधिकारी ‘डोरोथी सदरलैंड’ ने प्रस्तावित किया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डी.डी. आइजनहावर ने इसे मनाने की मान्यता प्रदान की। इस दिवस को वर्ष 1953 में पहली बार मनाया गया। अंतरराष्ट्रीय नर्स परिषद ने इस दिवस को पहली बार वर्ष 1965 में मनाया।
नर्सिंग पेशेवर की शुरुआत करने वाली प्रख्यात ‘फ़्लोरेन्स नाइटिंगेल’ के जन्म दिवस 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाने का निर्णय वर्ष 1974 में लिया गया। फ्लोरेंस नाइटेंगल के बारे में कहा जाता हैं, कि वह रात के समय अपने हाथों में लालटेन लेकर अस्पताल का चक्कर लगाया करती थी। उन दिनों बिजली के उपकरण नहीं थे, फ्लोरेंस को अपने मरीजों की इतनी फिक्र हुआ करती थी कि दिनभर उनकी देखभाल करने के बावजूद रात को भी वह अस्पताल में घूमकर यह देखती थी कि कहीं किसी को उनकी जरूरत तो नहीं है।
उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों, बीमारों और दुखियों की सेवा में समर्पित किया। इसके साथ ही उन्होंने नर्सिंग के काम को समाज में सम्मानजनक स्थान दिलवाया। इससे पूर्व नर्सिंग के काम को हिकारत की नजरों से देखा जाता था।
Nurse week राष्ट्रीय नर्स सप्ताह
1974 में, राष्ट्रपति निक्सन ने राष्ट्रीय नर्स सप्ताह की घोषणा की। न्यू मैक्सिको की नर्सों ने 1981 में 6 मई को नर्सों के लिए राष्ट्रीय मान्यता दिवस घोषित करने का प्रस्ताव रखा। अमेरिकन नर्सेज एसोसिएशन (एएनए) के निदेशक मंडल ने बैनर उठाया और प्रस्ताव को बढ़ावा दिया। 1982 में, संयुक्त राज्य कांग्रेस ने 6 मई को नर्सों के लिए राष्ट्रीय मान्यता दिवस के रूप में नामित किया और राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए। एएनए निदेशक मंडल ने बाद में 1990 में इस उत्सव को एक सप्ताह तक चलने वाले उत्सव (6-12 मई) तक विस्तारित किया, जिसे राष्ट्रीय नर्स सप्ताह के रूप में जाना जाता है।हर साल अमेरिकन नर्सेज एसोसिएशन (एएनए) राष्ट्रीय नर्स सप्ताह के दौरान हर जगह नर्सों द्वारा प्रदान की जाने वाली कई सेवाओं को स्वीकार करने के लिए एक थीम चुनता है।