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अराध्य पर अपमानजनक टिप्पणी से आक्रोश: कटनी में दिलबहार चौक से निकला विशाल जुलूस, सिंधी समाज ने दुकानें बंद कर दर्ज की कड़ी नाराजगी

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संदेश साफ: धार्मिक भावनाओं का सम्मान अनिवार्ययह विरोध कटनी में धार्मिक संवेदनशीलता की याद दिलाता है, जहां छोटी सी चिंगारी भी बड़े आंदोलन का रूप ले सकती है

संदेश साफ: धार्मिक भावनाओं का सम्मान अनिवार्ययह विरोध कटनी में धार्मिक संवेदनशीलता की याद दिलाता है, जहां छोटी सी चिंगारी भी बड़े आंदोलन का रूप ले सकती है

कटनी, 4 नवंबर 2025: मध्य प्रदेश के कटनी शहर में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली एक अमर्यादित टिप्पणी के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन ने जोर पकड़ लिया।

सिंधी समाज के अराध्य (झूलेलाल जी) पर की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में सुबह से ही दिलबहार चौक से एक विशाल जुलूस निकाला गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु, सामाजिक संगठन और अन्य समुदायों के लोग शामिल हुए।

विरोध के स्वरूप में सिंधी समाज ने अपने सभी प्रतिष्ठान पूरे दिन बंद रखे, जिससे शहर का व्यावसायिक केंद्र शांत लेकिन आक्रोशपूर्ण माहौल में डूब गया।यह प्रदर्शन न केवल सिंधी समुदाय की एकजुटता का प्रतीक बना, बल्कि अन्य समाजों के समर्थन से सामाजिक सद्भाव का संदेश भी दे गया।

जुलूस के आयोजकों ने स्पष्ट किया कि यह शांतिपूर्ण आंदोलन है, जिसका मकसद केवल धार्मिक संवेदनशीलता की रक्षा करना है। स्थानीय प्रशासन ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए, ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे।

दिलबहार चौक से शुरू हुआ सवाबी मार्च: नारों से गूंजा शहर

सुबह करीब 10 बजे दिलबहार चौक पर जमा हुए प्रदर्शन कारियों ने “अराध्य महाराज की जय” और “अपमान का विरोध” जैसे नारों के साथ जुलूस शुरू किया। जुलूस शहर के प्रमुख मार्गों—मेन रोड, बड़ा बाजार और स्टेशन रोड—से गुजरा, जहां रास्ते में खड़े लोग इसे सलामी देते नजर आए। सिंधी युवा संगठन, महिला मंडल और स्थानीय व्यापारियों ने आगे-आगे बैनर थामे,

जिन पर लिखा था: “अराध्य पर टिप्पणी अक्षम्य अपराध”।

सिंधी समाज के एक प्रमुख सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हमारा अराध्य झूलेलाल जी हमारी आस्था का केंद्र हैं। ऐसी टिप्पणी से हमारी भावनाएं आहत हुई हैं। दुकानें बंद कर हम अपना संदेश दे रहे हैं—हमारी धार्मिक स्वतंत्रता पर कोई आंच नहीं आएगी।”

जुलूस में अन्य समुदायों जैसे जैन, ब्राह्मण और मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी ने इसे अंतरधार्मिक एकता का रूप दिया।

टिप्पणी का विवाद: सोशल मीडिया से सड़क तक का सफर

सूत्रों के अनुसार, यह विवाद एक सोशल मीडिया पोस्ट से शुरू हुआ, जिसमें अराध्य पर कथित तौर पर अपमान जनक टिप्पणी की गई थी।

सिंधी समाज ने इसे गंभीरता से लेते हुए रातों रात संगठन बनाकर विरोध की रणनीति तैयार की। आयोजकों ने कहा, “यह केवल हमारा मुद्दा नहीं, बल्कि पूरे समाज की धार्मिक भावनाओं का सवाल है। हम हिंसा नहीं चाहते, लेकिन न्याय जरूर।

“प्रदर्शनकारियों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा, जिसमें दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई, सार्वजनिक माफी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपायों की मांग की गई।

प्रशासन अलर्ट: सुरक्षा और यातायात पर नजरस्थानीय प्रशासन ने जुलूस को शांतिपूर्ण रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया।

एसपी कटनी ने बताया, “हमने मार्ग पर यातायात डायवर्जन किया और सीसीटीवी से निगरानी रखी। प्रदर्शन का अधिकार संवैधानिक है, लेकिन कानून-व्यवस्था बनी रहेगी।” जुलूस दोपहर तक समाप्त हो गया, लेकिन सिंधी प्रतिष्ठानों की बंदी शाम तक जारी रही।

संदेश साफ: धार्मिक भावनाओं का सम्मान अनिवार्य

यह विरोध कटनी में धार्मिक संवेदनशीलता की याद दिलाता है, जहां छोटी सी चिंगारी भी बड़े आंदोलन का रूप ले सकती है। समाज के नेताओं ने अपील की कि सोशल मीडिया पर टिप्पणियां करने से पहले संवेदनशीलता बरती जाए।

यदि आप इस मुद्दे से जुड़े हैं, तो स्थानीय सिंधी संगठन या प्रशासन से संपर्क करें। कटनी एक बार फिर साबित कर गया कि आस्था के मामलों में समाज एकजुट हो जाता है

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