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त्वरित टिप्पणी : काश हमारा शहर उसी तरह शासकीय मेडिकल कॉलेज की मांग को लेकर भी एक जुट हो पाता…सुयश पुरवार

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काश हमारा शहर उसी तरह शासकीय मेडिकल कॉलेज की मांग को लेकर भी एक जुट हो पाता… तो कटनी के 16 लाख जनता को इलाज मिल पाता, शिक्षा मिल पाती

काश हमारा शहर उसी तरह शासकीय मेडिकल कॉलेज की मांग को लेकर भी एक जुट हो पाता… तो कटनी के 16 लाख जनता को इलाज मिल पाता, शिक्षा मिल पाती

बहुत खुशी हुई देखकर… जिस तरह से हमारा शहर धर्म के अनादर पर क्रोधित होकर, सड़को पर एक जुट हो गया।

काश हमारा शहर उसी तरह शासकीय मेडिकल कॉलेज की मांग को लेकर भी एक जुट हो पाता… तो कटनी के 16 लाख जनता को इलाज मिल पाता, शिक्षा मिल पाती।

काश उसी तरह से हमारा शहर भीड़ लेकर, विकास की तमाम माँगो को भी रख पाता तो…. कटनी के आपके बच्चों व आने वाली पीढ़ियों की ज़िंदगी संवर जाती…!

पर… हम केवल धर्म के नाम पर एक जुट हो कर, गुस्सा कर सकते है…! बाकी हमें कोई फर्क नही पड़ता हमारे बुजुर्गों के इलाज से…. न हमें कोई खास फर्क पड़ता है शहर के विकास से…. न हमारे शहर को कोई फर्क पड़ता है, आने वाली पीढ़ी की शिक्षा व्यवस्था, स्कूल ,कॉलेजों से… इसीलिए हमारा कटनी आज वहाँ है… जहाँ हमारे कटनी को नहीं होना चाहिए था…!

जबकि रीवा, जबलपुर, सतना, जैसे हमारे पड़ोसी आज वहाँ पहुँच रहे है, जहाँ होने से…. उनके युवाओ से लेकर बुजुर्गों तक का जीवन बेहतर और उन्नत होगा।।

(लेखक सुयश पुरवार वरिष्ठ समाजसेवी हैं और ये उनके निजी विचार हैं )

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