Science news : साइंस ने खोलकर रख दिया भविष्य का पर्दा!,2100 में इंसान नहीं… ‘सुपर ह्यूमन’ दिखेंगे हमटूटेगी नहीं, मुड़ेगी हड्डी… दांत नहीं, चोंच होगी… रंग बदलती त्वचा… और दिमाग सुपरकंप्यूटर से भी तेज! साइंस फिक्शन नहीं, यह 2023–2025 की ताज़ा रिसर्च का निष्कर्ष
टूटेगी नहीं, मुड़ेगी हड्डी… दांत नहीं, चोंच होगी… रंग बदलती त्वचा… और दिमाग सुपरकंप्यूटर से भी तेज! साइंस फिक्शन नहीं, यह 2023–2025 की ताज़ा रिसर्च का निष्कर्ष है। आने वाली सदी में इंसान का शरीर इतना बदल जाएगा कि आज का इंसान देखकर हैरान रह जाएगा।
गिरगिट की तरह बदलेगा रंग गुस्सा आए तो लाल, शर्म आए तो गुलाबी, खुशी हो तो चमकदार!

न्यूयॉर्क/लंदन | 2 दिसंबर 2025
टूटेगी नहीं, मुड़ेगी हड्डी… दांत नहीं, चोंच होगी… रंग बदलती त्वचा… और दिमाग सुपरकंप्यूटर से भी तेज! साइंस फिक्शन नहीं, यह 2023–2025 की ताज़ा रिसर्च का निष्कर्ष है। आने वाली सदी में इंसान का शरीर इतना बदल जाएगा कि आज का इंसान देखकर हैरान रह जाएगा।
1. रबड़ की तरह लचीली हड्डियाँ शार्क मछली की कार्टिलेज से इंस्पायर होकर भविष्य के इंसानों की हड्डियाँ फ्लेक्सिबल लेकिन सुपर-स्ट्रॉन्ग हो जाएंगी। 2023 में 31,000 हड्डियों के एक्स-रे का AI एनालिसिस और 2025 की जेनेटिक रिपोर्ट बताती है – हमारे जीन पहले से ही हड्डियों को शॉक-एब्जॉर्बेंट बना रहे हैं। नतीजा: फ्रैक्चर लगभग नामुमकिन, गिरोगे तो बस उछलकर खड़े हो जाओगे!
2. दांत गायब, मजबूत चोंच आएगी शेफील्ड यूनिवर्सिटी के डॉ. गैरेथ फ्रेजर की 2023 रिसर्च चौंकाने वाली है – इंसान के 32 दांत खत्म होकर पफरफिश जैसी एक मजबूत चोंच बन जाएगी। रीजनरेटिव डेंटिस्ट्री में हो रही प्रोग्रेस कहती है कि हम अपने दांतों को दोबारा उगाने या नया शेप देने में सक्षम हो जाएंगे। अब दांतों का दर्द और ब्रश करना इतिहास हो जाएगा!
3. औसत कद और चौड़ाई बढ़ेगी पिछली सदी में ही इंसान की हाइट 10 सेंटीमीटर बढ़ चुकी है। जेनेटिक ट्रेंड कहता है – 2100 तक इंसान और लंबे, कंधे और चौड़े और मसल्स और मजबूत होंगे।
4. दिमाग बनेगा ‘सुपरकंप्यूटर’ 2050 तक ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (जैसे Elon Musk की Neuralink) आम हो जाएगा। एमआईटी और ब्राउन यूनिवर्सिटी ने चूहों में मेमोरी ट्रांसफर कर दिखाया। 2024-25 की स्टडीज कहती हैं – हम अपनी यादें बाहर स्टोर कर सकेंगे, इंस्टेंट सीख सकेंगे और सेकंडों में प्रॉब्लम सॉल्व कर देंगे।
5. गिरगिट की तरह बदलेगा रंग गुस्सा आए तो लाल, शर्म आए तो गुलाबी, खुशी हो तो चमकदार! 2025 में ‘एडवांस्ड मैटेरियल्स’ जर्नल में पब्लिश स्टडी ने स्ट्रक्चरल कलर टेक्नोलॉजी दिखाई जो इंसानी त्वचा में जोड़ी जा सकती है। क्लाइमेट चेंज से बचने के लिए स्किन अपने आप रंग और टेक्सचर बदल लेगी।
वैज्ञानिकों का कहना है – क्लाइमेट चेंज, टेक्नोलॉजी और नेचुरल सिलेक्शन मिलकर इंसान को अगला वर्जन (Homo Futurus) बनाने जा रहे हैं। सवाल सिर्फ एक है – क्या हम तैयार हैं अपने ही आने वाले रूप को देखने के लिए?
(सोर्स: शेफील्ड यूनिवर्सिटी, एमआईटी, ब्राउन यूनिवर्सिटी, न्यूरोसाइंटिस्ट डीन बर्नेट और 2023-25 की पीयर-रिव्यूड स्टडीज)
