कटनी।माननीय न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कटनी के एक परिवाद की सुनवाई करते हुए दिए गए निर्देश के आधार पर कोतवाली पुलिस ने जगन्नाथ मंदिर कमेटी अध्यक्ष सहित कमेटी के सात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।
कोतवाली पुलिस ने जगन्नाथ मंदिर कमेटी अध्यक्ष प्रमोद कुमार सरावगी निवासी दुबे कालोनी कटनी, उपाध्यक्ष रजनीश पटेल धंती बाई स्कूल के पास आज़ाद चौक कटनी, सचिव विजय प्रताप सिंह निवासी चंद्रशेखर आज़ाद वार्ड कटनी, कोषाध्यक्ष शिशिर टुड़हा निवासी चंद्रशेखर आजाद वार्ड कटनी, सदस्य नरेश कुमार ताम्रकार निवासी जगन्नाथ चौक कटनी, शिव कुमार सोनी निवासी लखेरा विवेकानंद वार्ड कटनी एवं चंद्रिका प्रसाद दुबे निवासी मसुरहा वार्ड कटनी के विरूध्द धारा 420, 467, 468, 471, 403 भा.द.वि का अपराध पंजीबध्द किया गया।
मंदिर कमेटी द्वारा किए जा रहे षड्यंत्र को लेकर आशीष कछवाहा (अधिवक्ता) को शंका हुई तब उन्होंने अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष सूचना अधिकार अधिनियम के तहत दो बार आवेदन प्रस्तुत कर पंजीयन संबंधी जानकारी मांगी और अनुविभागीय अधिकारी के कार्यालय से प्राप्त जानकारी से यह स्प्ट हुआ कि श्री जगदीश स्वामी मंदिर ट्रस्ट कमेटी कटनी का पंजीयन ही नही हैं। इतने वर्षों से बिना पंजीयन के ही श्री जगदीश स्वामी मंदिर ट्रस्ट कमेटी कटनी का संचालन एवं प्रबंधन किया जा रहा था। जब उनके द्वारा मंदिर कमेटी के पदाधिकारियो के खिलाफ 12 जनवरी 2024 को कलेक्टर के समक्ष कार्यवाही किये जाने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया, तब मंदिर कमेटी के सदस्यों ने बताया कि वर्ष 1992 में पूर्व के पदाधिकारियों के द्वारा फर्म्स एवं सोसाइटी कार्यालय जबलपुर में श्री जगदीश स्वामी मंदिर कमेटी कटनी के नाम से रजिस्ट्रेशन हैं।
इसके उपरांत आशीष कछवाहा (अधिवक्ता) के द्वारा पुनः फर्म्स एवं सोसाइटी कार्यालय जबलपुर में सूचना अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन प्रस्तुत कर श्री जगदीश स्वामी मंदिर कमेटी कटनी के बायलज, चुनाव, बैठक एवं वार्षिक ब्यौरा की जानकारी मांगी गई। जिसके परिणामस्वरूप 25 सितंबर 2024 को सूचना अधिकार अधिनियम के तहत 243 पृष्ठ की जानकारी प्रदान की गई और जब प्राप्त दस्तावेजो का अवलोकन किया गया तब यह ज्ञात हुआ की श्री जगदीश स्वामी मंदिर कमेटी कटनी का पंजीयन क्रमांक जे. जे. 768 25 मार्च 1992 को अध्यक्ष श्री कृष्ण मुरारी पुरवार (अधिवक्ता), उपाध्यक्ष शम्भूशरण मिश्रा, सचिव मदनलाल पिपरसानियां, कोषाध्यक्ष लक्ष्मण प्रसाद जार, सदस्य ठाकुर गनपत सिंह, सदस्य राममिलन वर्मा, सदस्य संतोष कुमार पांडेय के द्वारा करवाया गया था और पंजीयन के नियमानुसार मध्यप्रदेश सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 (क्र. 44 सन 1973) की धारा 27 के अधीन प्रति वर्ष शासी निकाय की सूची की जानकारी प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य होता हैं, परंतु पदाधिकारियों के द्वारा किसी भी वर्ष अपने कार्यकाल के दौरान धारा 27 की जानकारी, बैठक रजिस्टर, एवं वार्षिक ब्यौरा की जानकारी प्रस्तुत नही किया गया था।
आशीष कछवाहा के द्वारा बार बार ट्रस्ट की जानकारी प्राप्त करने हेतु सूचना अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन संबधित कार्यालयों में प्रस्तुत किया जा रहा था, जिसके चलते मंदिर कमेटी के अध्यक्ष प्रमोद कुमार सरावगी द्वारा आनन फानन में 30 अप्रैल 2024 को वर्ष 1992 से 2024 तक 32 वर्षों की धारा 27 की जानकारी, 32 वर्षों का बैठक रजिस्टर, एवं 32 वर्षों की ऑडिट रिपोर्ट एक साथ सहायक रजिस्ट्रार महोदय फर्म्स एवं सोसाइटी कार्यलय जबलपुर मध्यप्रदेश के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जब धारा 27 की जानकारी, बैठक रजिस्टर, एवं ऑडिट रिपोर्ट का सूक्ष्मता से अवलोकन किया गया तो यह ज्ञात हुआ की मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों के द्वारा एक राय होकर कूट रचित दस्तावेजो को तैयार किया गया।
पंजीयन समय के पदाधिकारियों के हस्ताक्षर का मिलान करने से यह स्पष्ठ हुआ कि उक्त पदाधिकारियों के द्वारा एक राय होकर धारा 27 के प्रपत्र में एवं बैठक रजिस्टर में वर्ष 2004 तक पंजीयन समय के समस्त पदाधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर किये गये हैं। पंजीयन समय के पदाधिकारी अध्यक्ष कृष्ण मुरारी पुरवार, सचिव मदनलाल पिपरसानियां, कोषाध्यक्ष लक्ष्मण पसाद जार, सदस्य ठाकुर गनपत सिंह, सदस्य राममिलन वर्मा इन सभी की मृत्यु वर्ष 2024 के पूर्व ही हो गई थी। इसके बावजूद मंदिर कमेटी के वर्तमान पदाधिकारियों के द्वारा एक राय होकर धारा 27 के प्रपत्र एवं बैठक रजिस्टर में फर्जी हस्ताक्षर कर फर्म्स एवं सोसाइटी कार्यालय जबलपुर में प्रस्तुत किया गया। पंजीयन के समय सदस्य संतोष कुमार पांडे जोकि वर्तमान में जीवित हैं और उनके द्वारा सम्पूर्ण दस्तावेजो का अवलोकन कर स्पष्ट किया गया हैं कि सभी हस्ताक्षर फर्जी कर फर्म्स एवं सोसाइटी कार्यालय जबलपुर में प्रस्तुत किया गया हैं। फर्म्स एवं सोसाइटी कार्यालय जबलपुर में प्रस्तुत धारा 27 के प्रपत्र एवं बैठक रजिस्टर में प्रमोद कुमार सरावगी को 20/6/2004 से आज तक अध्यक्ष दर्शित किया गया हैं, जबकि सत्यता यह हैं कि प्रमोद कुमार सरावगी लगभग पाँच वर्ष पूर्व अध्यक्ष नियुक्त हुये हैं, और इस बात का सत्यापन स्वम प्रमोद कुमार सरावगी के द्वारा न्यायालय तहसीलदार नगर कटनी के समक्ष प्रकरण में यह कथन किया गया हैं की उनके पूर्व संजय सूरी अध्यक्ष थे पर उनके पूर्व कौन अध्यक्ष थे इसकी जानकारी उन्हें नहीं हैं। इसके बाबजूद फर्म्स एवं सोसाइटी कार्यालय जबलपुर में प्रस्तुत धारा 27 के प्रपत्र एवं बैठक रजिस्टर में 20/06/2004 से आज तक अध्यक्ष पद पर प्रमोद कुमार सरावगी का नाम होना दस्तावेजो का कूट रचित होना प्रामाणित करता हैं।
यह भी उजागर हुआ कि फर्जी दस्तावेज आए सामने
वर्ष 1999 से वर्ष 2024 तक कि ऑडिट रिपोर्ट जनवरी माह से अप्रैल माह 2024 में ही तैयार करवाई गई। अर्थात पंजीयन वर्ष 1992 से 2024 तक के वार्षिक ब्यौरा का ऑडिट कभी भी नहीं कराया sगया। प्रथम दृष्ट्या प्रमाणित हो रहा हैं कि ऑडिट रिपोर्ट भी फर्जी, फर्म्स एवं सोसाइटी कार्यालय जबलपुर में प्रस्तुत किया गया है।
यह फैसला पीड़ित परिवार के लिए बड़ी राहत है और अपराधियों को कड़ी सजा का…
मीडिया सेल प्रभारी सुरेंद्र कुमार गर्ग ने बताया कि यह फैसला बालिकाओं की सुरक्षा और…
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ऐसे सघन अभियान निरंतर जारी रहेंगे, ताकि जिले में…
पुलिस ने हत्या के मामले में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू…
कटनी पुलिस की यह कार्रवाई क्षेत्र में बढ़ते ATM चोरी के अपराध पर लगाम लगाने…
ग्रामीणों ने बताया कि इस मार्ग पर ओवरलोड रेत ट्रकों की रफ्तार और लापरवाही से…
This website uses cookies.